B.Ed 1st year C-2 के कुछ वस्तुनिष्ठ प्रश्न उत्तर Part-1



1.किसने शिक्षा को एक त्रिमुखी प्रक्रिया माना है
:- जॉन डीवी
2. किसने शिक्षा को द्विध्रुवीय प्रक्रिया माना है 

:- एडम्स महोदय
3. “शिक्षा संप्रेषण का सबसे महत्वपूर्ण साधन है इसी माध्यम से मानवीय चेतनाओ में परिवर्तन लाया जा सकता है और नई संस्कृति का निर्माण किया जा सकता है “यह कथन किनका है
:- कृष्णमूर्ति
4. ” अनुदेशन कक्षा के अंदर ही समाप्त हो जाता है जबकि शिक्षा जीवन के साथ ही समाप्त होती है”। यह कथन किसका है?
:- रॉबर्टसन
5.किसने अनुदेशन को शिक्षा का एक भाग माना है और शिक्षा के दूसरे व तीसरे भागों के रूप में उसने प्रशिक्षण और प्रोत्साहन को स्वीकार किया है ।
:-हैंण्डरसन ने
6. शिक्षा का एक ध्रुव शिक्षक है तो दूसरा ध्रुव क्या है:
– शिक्षार्थी
7. किसने शिक्षा को द्विध्रुवीय प्रक्रिया माना है
:- एडम्स ने
8.” शिक्षा चुंबक की तरह द्विध्रुवी होती है” यह किसका कथन है
:- रास
9. किसने कहा शिक्षा त्रि ध्रुवी प्रक्रिया है
 :-जॉन ड् यूवी 
10. शिक्षा का तीसरा ध्रुव क्या है
:- पाठ्यक्रम
11. जॉन ड् यूवी कहां के शिक्षाशास्त्री थे
:- अमेरिका
12.यह किसका कथन है कि” शिक्षा से मेरा तात्पर्य उस शिक्षण से है जो बालकों के सद्गुण की मूल प्रवृत्ति के लिए उपर्युक्त आदतों के निर्माण द्वारा प्रदान किया जाता है”।
:- प्लेटो
13.” स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का सृजन ही शिक्षा है ।” यह कथन किसका है
:-अरस्तु
14. “मानव की आंतरिक शक्तियों का स्वाभाविक ,सामंजस्य पूर्ण एवं प्रगतिशील विकास ही शिक्षा है “।:-पेस्टालॉजी
15. “शिक्षा एक ऐसी सुनियोजित प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्तित्व का विकास करने के लिए उस पर दूसरे व्यक्तित्व का मन वाणी एवं कर्म के द्वारा प्रभाव पड़ता है”  
:- एडम्स
16 . “शिक्षा से मेरा तात्पर्य व्यक्ति के ऊपर वातावरण के उस प्रभाव से है जो उसके व्यवहार विचार एवं अभिवृत्ति की आदतों में स्थाई परिवर्तन उत्पन्न कर लेता है”।
:- टॉम्सन
17. “शिक्षा नैतिक चरित्र का उचित विकास है”।
:- हरबार्ट
18. “शिक्षा से मेरा तात्पर्य उस प्रक्रिया से है जो बालक एवं मनुष्य के शरीर एवं आत्मा के सर्वोत्कृष्ट रूपों को प्रस्फुटित कर दे” ।
:- महात्मा गांधी
19. “सर्वोच्च शिक्षा वह है जो हमें केवल सूचनाएं नहीं देती बल्कि हमारे जीवन और संपूर्ण सृष्टि में तादात्म्य स्थापित करती है”।
:- रविंद्र नाथ टैगोर
20. “शिक्षा का अर्थ प्राप्त ज्ञान का सार्वभौमिक वितरण है ” ।
:- वार्ड
21. “शिक्षा सतत अंतः क्रिया है जो व्यक्तियों के मध्य एवं व्यक्तियों तथा बाहरी जगत के मध्य चलती रहती है “।
:- यूलिच रॉबर्ट
22. किसने स्त्री शिक्षा पर विचार करते समय स्पष्ट रूप से स्वीकार किया था कि नारी की शिक्षा पुरुष की शिक्षा के समान ही होनी चाहिए 
:-प्लेटो
23. किसने स्त्री पुरुष के शिक्षा समान रूप से देने का विरोध किया ।
:- अरस्तू
24. माता को भारतीय साहित्य में क्या कहा गया है ।
:- आदि गुरु
25.”घर बच्चे की पहली पाठशाला है” । यह किसने कहा था ।
:-पेस्टालॉजी 
26.”माताएंँ आदर्श अध्यापिका है और घर द्वारा दी गई औपचारिकेत्तर शिक्षा सर्वाधिक प्रभावशाली एवं स्वाभाविक होती है”।
:- फ्रोबेल  ने
27. किसने  विद्यालय को  ‘बचपन का घर ‘ कह कर पुकारा  है ।
:-मोंटेसरी
28. शैक्षिक तकनीकी परियोजना कब संचालित की गई थी ।
:-1972 – 73
29. “शिक्षा के सार्वभौमिक उद्देश्य का पता लगाना असंभव है “।यह किनकी कथन है?
:-कैंटीन महोदय
30.’ग्लाकन’ किनकी पुस्तक है ।
:- प्रोफेसर जेफर
31.” समाजविहीन  अकेला  व्यक्ति कल्पना की खोज है “यह किनकी कथन है।
:- रेमण्ड
32. शिक्षा में व्यैक्तिक किसकी देन है ।
:- नन महादेव
33. “मनुष्य समाजिक प्राणी है”। यह किनकी कथन है।
:- अरस्तू
34. “आजकल स्कूल ,कॉलेज इंजीनियर, डॉक्टर, वैज्ञानिक और व्यवसायी तो पैदा कर सकते हैं लेकिन अखंड मानव का निर्माण कहीं भी नहीं हो रहा है। यह किनकी कथन है।
:- कृष्णमूर्ति
35.”अखंड मानव” की कल्पना किसने की है।
:- कृष्णमूर्ति  ने
36.पंचसूत्री कार्यक्रम किस आयोग के द्वारा प्रस्तुत किया गया ।
:- कोठारी आयोग तथा राष्ट्रीय शिक्षा आयोग(1966) में
37. ‘आधुनिक शिक्षा दर्शन’ किसकी पुस्तक है
:- टाम्सन
38. समाजिक दक्षता का उद्देश्य किसने दिया है 
:-जॉन डीवी
39″ शिक्षा का कार्य असहाय प्राणी के विकास में सहायता पहुंचाना है ,ताकि वह सुखी नैतिक और कुशल मानव बन सके “। यह किनकी कथन है  
:-जॉन ड् यूवी
40.  किसके अनुसार “शिक्षा का कार्य- भावनाओं को अनुशासित, संवेगो को नियंत्रित प्रेरणाओ कोउत्तेजित, धार्मिक भावनाओं को विकसित और नैतिक को अभिवृद्धित करना है”
:- डेनियल वेबस्टर
41. ” शिक्षा का कार्य यह पता लगाना है कि जीवन की समस्याओं को किस प्रकार हल किया जाए और आधुनिक सभ्य समाज का गंभीर ध्यान इसी बात नहीं लगा हुआ है” ।यह इनकी कथन है
:-स्वामी विवेकानंद
42.” केवल पुस्तकीय ज्ञान से काम नहीं चलेगा हमें उस शिक्षा की आवश्यकता है जिससे कि व्यक्ति अपनी स्वयं  के पैरों पर खड़ा हो सकता है”
:- स्वामी विवेकानंद
43. ” माता पिता कहते हैं कि शिक्षा का मुख्य कार्य उनके बच्चों को जीवन में अच्छे स्थान प्राप्त करने, बड़े और धनी व्यक्तियों के समाज में महत्वपूर्ण बनने और आराम तथा ऐश्वर्य का जीवन व्यतीत करने के लिए तैयार करना है”।
:- जॉन रस्किन
44. “शिक्षा का कार्य उत्तम नैतिक चरित्र का विकास करना है”
:- हरबर्ट (Herbert)
45.” शिक्षा जीवन की तैयारी है “
:- विलमाट(willmott)
46. ” शिक्षा का मुख्य कार्य है प्रत्येक पग पर अनुभव द्वारा जीवन को समृद्ध बनाना”
:- जॉन ड् यूवी
47. “वातावरण से पूर्ण अनुकूलन करने का अर्थ है -मृत्यु ।आवश्यकता इस बात की है कि वातावरण पर नियंत्रण रखा जाए “
:-  जॉन ड् यूवी
48. “शिक्षा इतनी विशद् होनी चाहिए, जितना कि मनुष्य। उसमें जो भी शक्तियाँ हैं,शिक्षा को उन्हें पोषित और प्रदर्शित करना चाहिए”
:- एमरसन
49. ” मनुष्य इतिहास की संचालक शक्ति है,वह सभी मूल्यों का स्रोत है साथ ही सभी घटनाओं का प्रस्तावक है। वह इन सभी कार्यों को तभी करता है जब वह समाज में रहता है”
:- मैनहीम
50. संस्कृतीकरण  का दूसरा नाम क्या है?
:- समाजीकरण
51.” यह बात संदेहरहित है कि शिक्षा, समाजिक परिवर्तन में महत्वपूर्ण कार्य करती है ,पर इसका प्रभाव मुख्य न होकर गौण होता है ।”
:- ओटावे

 52.”जहाँ कहीं मैं जाता हूँ, वहीं मैं भारत की एकता पर बल देता हूंँ,न केवल राजनीतिक एकता पर ,बल्कि भावनात्मक एकता पर, अपने मन एवं हृदयो की एकता पर और पृथक ता की भावनाओं के दमन पर” 
:-जवाहरलाल नेहरू
53. किसने कहा था “राष्ट्रीय एकता और मेल का आधार है -राष्ट्रीय अनुशासन।”
:-डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन
54. “शिक्षा का कार्य असहाय प्राणी के विकास में सहायता पहुंचाना है ,ताकि वह सुरक्षित, नैतिक और कुशल मानव बन सके। यह किस विद्वान की परिभाषा है?
:- जॉन ड् यूवी  की  
55. मानव जीवन में शिक्षा का कार्य व्यक्ति को ……..बनाता है
:- आत्मनिर्भर
56. ” तुमको काले के सब क्षेत्रों का व्यवहारिक ज्ञान करना आवश्यक है सिद्धांतों के ढेरों से देश का नाश हो गया “। यह कथन किसका है?
:- स्वामी विवेकानंद का 
57.” भारत में शिक्षा विदेशी पौधा नहीं है संसार का कोई भी देश ऐसा नहीं है जहाँ ज्ञान के प्रति प्रेम का इतने प्राचीन समय में आविर्भाव हुआ हो या जिसने इतना चिरस्थायी व शक्तिशाली प्रभाव डाला हो” 
:- डब्लू थॉमस
58. श्वेतकेतु और कमलायन के उदाहरण कहांँ मिलते हैं 
:- छांदोग्य उपनिषद में 
59.” शिक्षा का उद्देश्य पढ़ना नहीं था अपितु ज्ञान और अनुभव को आत्मसात करना था।”
:-डॉ आर के मकर्जी 
60. “सब प्रकार की शिक्षा का प्रत्येक उद्देश्य छात्र को समाज का धार्मिक सदस्य बनाना था”
:- डॉ ए एस अल्तेकर 
61. ” शिक्षा का उद्देश्य चित्तवृत्ति निरोध अर्थात मन से उन कार्यों का निषेध था जिनके कारण या भौतिक संसार में उलझ जाता था”
:- डॉक्टर आर के मुकर्जी 
62. कहाँ लिखा हुआ है – “केवल गायत्री मंत्र का ज्ञान रखने वाला चरित्रवान, ब्राह्मण ,संपूर्ण वेदों के ज्ञाता ,पर चरित्रहीन विद्वान से कहीं अधिक श्रेष्ठ है ।”
:-‘मनुस्मृति’ में 
63.” छात्रों का चरित्र निर्माण करना ,शिक्षा का एक अनिवार्य उद्देश्य माना जाता था “।  यह किनकी कथन है ?
:-डॉ वेद मित्र की 
64.” शिक्षा पूर्णतया सैद्धांतिक और साहित्यक नहीं थी, बल्कि किसी न किसी शिल्प से संबंध थी।”
:- डॉक्टर आर के मुकर्जी 
65. “ब्राह्मणों के पास उस शिक्षा की उपेक्षा करने के कारण थे ,जो उनके हाथ में नहीं थे”
:- संतोष कुमार दास  ने लिखा है 
66.किसके अनुसार प्राथमिक शिक्षा का आरंभ 5 वर्ष की आयु में ‘विद्या संस्कार’ से होता था 
:- डॉ वेद मित्र
67.” विद्यारंभ संस्कार ,उपनयन संस्कार के अनेक वर्षों बाद उस समय आरंभ हुआ  जब वैदिक संस्कृत, जनसाधारण की बोलचाल की भाषा नहीं रह गई थी “
:-डॉक्टर  ए एस अल्तेकर 
68. किसने लिखा है विद्यारंभ संस्कार 5 वर्ष की आयु में होता था और साधारण सब जातियों के बालक के लिए था”
:- डॉ वेद मित्र ने 
69. उपनयन का शाब्दिक अर्थ है 
 :- ‘पास ले जाना 
70. किसके अनुसार ‘उपनयन संस्कार ‘का आरंभ पूर्व ऐतिहासिक युग से माना जाता है
:- डॉक्टर ए एस अल्तेकर 
71. वाणिज्य शिक्षा का पूर्ण वर्णन कहाँ मिलता है
:- ‘मनु स्मृति और ‘अर्थशास्त्र ‘में 
72. समावर्तन का शाब्दिक अर्थ क्या हैः
:- ‘ घर लौटना’
73.” भारत के वनों से सभ्यता की जो धारा प्रवाहित हुई उसने संपूर्ण भारत को आप्लावित कर दिया।” यह कथन  किसकी है?
:- रविंद्र नाथ टैगोर
74. ” शिक्षा पीढ़ी दर पीढ़ी होने वाली धार्मिक व्यक्तियों के निर्देशों का संकलन थी। मंत्रों, देवगीतों व धर्मग्रंथों का उस समय तक पाठ किया जाता था जिस समय तक वे कंठस्थ नहीं हो जाते थे  “
:- गुन्नार मिर्डल
75. “हिंदू धर्म की सीमा के अंतर्गत शिक्षा की पद्धति वैयक्तिक थी क्योंकि प्रत्येक गुरु के अपने स्वयं के शिष्य होते थे”
:- गुन्नार मिर्डल
76. वैदिक काल में प्राथमिक शिक्षा का प्रारंभ 5 वर्ष की आयु में किस संस्कार द्वारा होता था ?
:- विद्यारंभ द्वारा
77. वैदिक कालीन शिक्षा का प्रमुख केंद्र था —
:- तक्षशिला
78.वैदिक काल में विद्यापीठ में शिक्षा दी जाती थी ।
:- व्याकरण तथा तर्कशास्त्र की
79. वैदिक काल में शिक्षा सत्र प्रारंभ होता था-
:-  श्रावण मास की पूर्णिमा को
80. “शिक्षक एवं छात्र के संबंध स्नेह पूर्ण तथा घनिष्ठ थे और उनके भावी जीवन में भी बने रहते थे “
:- डॉक्टर ए एस अल्तेकर
81. ” प्राचीन भारत में शिक्षा – राज्य सरकार या किसी दलबंदी के किसी भी प्रकार के वाह्य नियंत्रण से मुक्त थी “
:- डॉ पी एन प्रभु  
82. ” इतने शक्तिशाली व्यक्तियों का निर्माण किया जिनकी मानसिक शक्तियां  सुविकसित थीं और जिनकी ज्ञान भावना पवित्र एवं क्रियाशील थी” 
:- डॉ पी एन प्रभु  
83.” यदि इन बातों की अपेक्षा की जाती है तो भारतीय शिक्षा पश्चिम का थोथा अनुकरण मात्र रह जाएगी जिसमें मौलिकता की झलक नहीं मिल सकेगी” 
:-डॉक्टर महेश चंद्र सिंघल 
84. मठ विद्यालयों में शिक्षा का माध्यम जनसाधारण की भाषा क्या थी ?
:- पाली भाषा 
85.पब्बाज्जा का शाब्दिक अर्थ है  –
:-बाहर जाना
86.पब्बाज्जा संस्कार का वर्णन कहां मिलता है  ?
:- विनय पिटक में
87. बौद्ध काल में उच्च शिक्षा की अवधि थी?
:- 12 वर्ष 
88. उप संपदा संस्कार बौद्ध संघ में कम -से- कम कितने भिक्षुओं के समक्ष होता था 
:- 10
89.  बौद्ध काल में शिक्षा दी जाती थी 
:-मठों और विहारों में 
90. विक्रमशिला विश्वविद्यालय को किसने नष्ट कर दिया था 
:- बख्तियार खिलजी ने 
91.विक्रमशिला विश्वविद्यालय को बख्तियार खिलजी ने कब नष्ट किया था 
:-सन् 1203  में
92. तक्षशिला विश्वविद्यालय को किसने सदैव के लिए नष्ट कर दिया 
:-  बर्बर हूणों ने 
93.” स्त्री शिक्षा को बौद्ध धर्म से किसी प्रकार की प्रेरणा प्राप्त नहीं हो सकी” 
:-डॉक्टर ए एस अल्तेकर 
94.पब्बाज्जा संस्कार किस आयु में होता था 
:-8 वर्ष 
95.” बौद्ध मठों ने पर्याप्त सार्वजनिक प्रारंभिक शिक्षा प्रदान की”
:- डॉक्टर एफ  ई  केई 
96.” बौद्ध शिक्षा के आदर्शों का प्रयोग ब्राह्मणी शिक्षा आदर्शों और प्रयोग से घनिष्ठ संबंध था”
:- डॉक्टर एफ ई केई 
97. ” यह कल्पना करना उचित न होगा कि बौद्ध धर्म ने भारत में स्त्रियों की शिक्षा के लिए कोई विशेष कार्य किया”
:-  डॉक्टर एफ ई केई 
98. ” यह कहना उचित है कि संगठित सार्वजनिक शिक्षा संस्थाओं का उदय बौद्ध धर्म के प्रभावों के कारण हुआ” 
:-डॉ ए  एस अल्तेकर 
99.मोहम्मद गोरी ने दिल्ली के अंतिम राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान को कब पराजित किया था 
:- 1192
100. महमूद गजनवी ने कब से कब तक भारत पर लगभग 17 बार आक्रमण किया 
:- 1000 ई. से 1026 ई. तक 
101. प्रजातांत्रिक समाज में यह  आवश्यक है की व्यक्ति नैतिक और भौतिक दोनों प्रकार से समाज के जीवन को उत्तम बनाने के सम्मिलित उत्तरदायित्व को कहा स्वीकार करें

:- डॉ जाकिर हुसैन 


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